Published: 29 Sep, 2020
कवर्धा - पूरी दुनिया में जिस तरह कोरोनावायरस की महामारी से फैली हुई है वही कोरोनावायरस के कारण जान गंवाने वाले लोगों की सही तरीके से उनका अंतिम संस्कार/ सुपुर्द ए खाक नहीं हो पाता उन्हें प्रशासन द्वारा दफ़न या उन्हें जला दिया जाता है जिससे मृतक के परिवार अपनी इच्छा से कुछ नहीं कर पाते | दिनांक 29 सितम्बर दिन मंगलवार को जब कवर्धा के एक कोरोना मरीज की मृत्यु हो गई तब उनकी कफ़न दफ़न के लिए दावते इस्लामी संस्था सामने आई जिन्होंने कवर्धा स्वस्थ विभाग के अधिकारियो के साथ सोसिअल डिस्टेंस नियम के पालन के साथ उनका कफ़न दफ़न किये |
मुस्लिम समाज की एक ऐसी संस्था दावते इस्लामी संस्था जो पूरी दुनिया में नेकी की दावत आम करने का काम करती है , उनकी एक ब्रांच कवर्धा छत्तीसगढ़ में भी है कोरोनावायरस की मृत हुए इस्लामिक सुन्नी भाइयों एवं बहनों के बॉडी को पूरी इस्लामी रीति रिवाज से दफन करते हैं यह एक सराहनीय काम है आज के दौर में इस वक्त कोरोनावायरस के रूप में सभी जगह फैलता जा रहा है जिसके वजह से मृत शरीर को छूना तो दूर हाथ तक नहीं लगाया जा सकता ऐसी स्थिति में दावत ई इस्लामी संस्था के नौजवानों के द्वारा पीपीई किट पहनकर मृत शरीर को मुस्लिम विधि ( इस्लामिक तरीका) तरीके से जैसे गुस्ल देना, कफन, दफन, नमाजे जनाजा पढ़ते हैं और दफन करते हैं अपनी जान की परवाह किए बिना इस काम को अंजाम देते हैं और खास बात यह है कि बिना एक पैसे किसी से लिए बगैर इस काम को अंजाम देते हैं उनका मानना है इस वक्त में नेक काम करने का उन्हें मौका मिला है|
इस नेक काम में कवर्धा प्रशासन ने भी अच्छे से सहोयोग किया इसी तरह कई कोरोना से जान गवाने वाले लोगों को सही रीति रिवाज / पारंपरिक विधि से उनकी अंतिम संस्कार करना एक अनूठा पहल है|
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